भोपाल – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के रीवा में बने एशिया के सबसे बड़े अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा प्लांट को देश को समर्पित किया. प्रधानमंत्री ने इस 750 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया. प्रधानमंत्री ने कहा इस परियोजना से मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा, इससे यहाँ के किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आज की ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है,क्योंकि सौर ऊर्जा, श्योर है, प्योर है और सिक्योर है, उन्होंने कहा हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है, उन्होंने एक संस्कृत के श्लोक से समझाया कि जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वे हमें पवित्र करें, सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है, रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस अवसर पर कहा कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश भविष्य में 10,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान देगा, रीवा के लोग शान से कहेंगे कि हमारी बिजली से दिल्ली की मेट्रो चल रही है.
रीवा के गुढ़ में स्थापित यह सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना 750 मेगावाट की है जिसमे 250 मेगावॉट की 3 इकाइयां है, यह सोलर संयंत्र 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित किया गया है, यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर सयंत्रों में से एक है, इस परियोजना से पैदा हुई बिजली का 76% हिस्सा मध्य प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी और 24% दिल्ली मेट्रो को दिया जा रहा है. इस परियोजना से उत्पादित बिजली की कीमत प्रति यूनिट बिजली 2.97 रुपए होगी.
सौर परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो यह बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा, इस सौर परियोजना से हर साल 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उर्त्सजन को रोका जा रहा है, जो 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है.