हरिद्वार – शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या पर छत्तीसगढ़ की एक युवती ने रेप जैसे संगीन आरोप लगाए थे और उनकी पत्नी शैलबाला उनका साथ देने का आरोप लगाया था, इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था, उस एसआईटी ने डॉ प्रणव पंड्या और शैलबाला को अपनी जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है, एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवुडई कृष्णा राज एस ने बताया कि इस मामले में सोमवार को फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी गई है,उन्होंने बताया की जांच के बाद पुलिस को जांच के दौरान चार्जशीट दाखिल करने का कोई आधार नहीं मिला.
बताया जा रहा है कि एसआईटी को एक जांच के दौरान एक ऑडियो क्लिप मिली थी, जिसमें पीड़िता आरोपों को खारिज कर रही थी, एसआईटी ने जब ऑडियो क्लिप की जांच के लिए पीड़िता को बुलाया तो उसने अपनी आवाज का नमूना देने से इनकार कर दिया, पीड़िता का कहना था कि प्रणव पंड्या की आवाज के नमूने भी लिए जाएं, एसआईटी का कहना था कि उस ऑडियो में प्रणव पंड्या की आवाज नहीं है, इसके अलावा वर्ष 2013 में शांतिकुंज छोड़ने के बाद भी पीड़िता ने 2015 और 2016 में यहां आयोजित साधना शिविर में भाग लिया था, एसआईटी अधिकारियों ने जब इस बाबत पीड़िता से सवाल पूछे तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई.
छत्तीसगढ़ की उस युवती ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2010 में उसे प्रणव पंड्या की सेवा में लगाया गया था, इस सेवाकाल के दौरान पंड्या ने उसके साथ दुष्कर्म किया, युवती ने बताया यह बात जब उसने पंड्या की पत्नी शैलबाला को बताई तो उन्होंने मुंह बंद रखने की सलाह दी, हाई प्रोफाइल मामला होने के बाद इस मामले में एसआईटी गठन किया गया और गहनता से जांच की गयी, एसआईटी की जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिससे शांतिकुंज प्रमुख और उनकी पत्नी को राहत मिली हैं.