लखनऊ – आज बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत से सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया, कोर्ट ने कहा कि विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और यह अचानक स्वतः स्फूर्त थी, कोर्ट ने सीबीआई के कई साक्ष्यों को भी नहीं माना और 28 साल से चले आ रहे इस विवाद पर अपना फैसला सुना दिया.
कोर्ट अपने फैसले में कहा कि फोटो से कोई आरोपी नहीं हो जाता है, कोर्ट ने कहा कि आरोपित व्यक्तियों ने किसी भी तरीके से विवादित ढांचा को गिराने का कोई भी प्रयास नहीं किया था, कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर यह षडयंत्र आरोपित व्यक्तियों ने किया होता तो रामलला की मूर्तियों को वहां से पूर्व में ही हटा दिया जाता.
कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पूर्व नियोजित घटना नहीं थी बल्कि अचानक हुई थी, अदालत ने कहा कि जो साक्ष्य कोर्ट के सामने प्रस्तुत किये गए हैं वो सभी आरोपियों को बरी करने के लिए पर्याप्त हैं, कोर्ट ने सीबीआई के साक्ष्य पर भी सवाल उठाए, कोर्ट ने कहा कि SAP सील बंद नहीं थी और इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है.