नई दिल्ली – कोरोना की वजह से इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में न आ सकने की वजह से इस बार भारत के 72वें गणतंत्र दिवस पर इस साल किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में भाग नहीं लेंगे, बोरिस जॉनसन के मना कर देने के बाद, कोरोना संकट के कारण किसी विदेशी राष्ट्र प्रमुख या सरकार के मुखिया को आमंत्रित नहीं करने का निर्णय लिया गया है, ऐसा पिछले 55 साल के बाद दोबारा होगा, जब भारत का गणतंत्र दिवस बिना मुख्य अतिथि के मनाया जाएगा. इससे पहले सन 1966 में भी भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद में हुए निधन के कारण देश बेहद दुःख में था जिसकी वजह से किसी भी अतिथि को निमंत्रित नहीं किया गया था.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि बनाया था, लेकिन उन्होंने अपने देश में कोरोना से बिगड़े हालातों की वजह से अपने दौरे को रद्द कर दिया था, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन करके माफ़ी भी मांगी थी. पूरी दुनिया कोरोना संकट से जब पूरी दुनियां इस महामारी से निपट रही हो तब किसी भी नए राष्ट्राध्यक्ष या शासक को निमंत्रित करना आसान नहीं था, ऐसे में सरकार ने इस साल बिना मुख्य अतिथि के गणतंत्र दिवस मनाने का निर्णय लिया है.
हालांकि भारत में गणतंत्र दिवस पर हर साल किसी न किसी राष्ट्राध्यक्ष या राष्ट्र प्रमुख को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने की परंपरा है, यह परंपरा संविधान के लागू होने के साथ ही शुरू हो गई थी.