देहरादून, 13 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को यौन तथा अन्य तरह के अपराधों की पीडि़त महिलाओं के मुआवजे के लिए राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नालसा) के दिशा निर्देशों को अपनाने का निर्णय लिया है, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी. मदन कौशिक ने बताया कि यौन और अन्य अपराधों की पीडित महिलाओं के लिए नालसा के दिशा-निर्देशों के आधार पर मुआवजा योजना को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ितों के लिए मुआवजे की सीमा पांच लाख रू से बढाकर 10 लाख रू, दुष्कर्म पीडि़तों के लिए चार लाख से बढाकर सात लाख तथा तेजाब पीडि़तों के लिए सात-आठ लाख रु देने का प्रावधान है.
मदन कौशिक ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने जमरानी और सौंग बांधों के लिए कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाइयों (PIU) को स्थापित करने हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से कुल 175 पदों को भरने के लिए अपनी सहमति भी दी, मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को दिए जाने वाले उपस्थिति और मंत्रिस्तरीय भत्तों में बढोत्तरी कर उसे 10,000 रु से 15000 रु करने का फैसला किया, एचएन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करते हुए मंत्रिमंडल ने उसके कुलपतियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी, इसके अलावा, उत्तराखंड विधानसभा का तीन दिवसीय अधिवेशन देहरादून में 23 सितंबर से 25 सितंबर तक आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया.