देहरादून – वन्यजीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी जिले में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र बनाने की घोषणा की है, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत और वन अधिकारियों के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है, इस परियोजना का उद्देश्य वन्यजीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण और विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देना है. हिम तेंदुओं को उत्तराखंड में घोस्ट ऑफ माउंटेन भी कहा जाता है.
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार हिम् तेंदुओं के आवासीय क्षेत्रों के संरक्षण के लिए हिमालय के तहत 2017 में परियोजना शुरू की गई थी, भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश में करीब 586 हिम तेंदुए हैं, इस सरंक्षण केंद्र की लागत लगभग 5 करोड़ रुपये है, जिसको नीदरलैंड के सहयोग से बनाया जा रहा है.
हिम तेंदुआ एक बेहद दुर्लभ प्रजाति है जो विलुप्त होने के कगार पर है, उत्तराखंड में इस समय अनुआनित 86 हिम तेंदुए हैं, जिनकी गणना सितंबर में शुरू होने वाली है जिसके बाद उनकी संख्या की वस्तुस्थिति पता चलेगी, उत्तराखंड में हिम तेंदुए 3000 से लेकर 4500 मीटर की ऊंचाई में नंदा देवी जैव विविधता क्षेत्र, गंगोत्री नैशनल पार्क आदि में पाए जाते हैं, जिनकी संख्या उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में सबसे ज्यादा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस परियोजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि हिम तेंदुओं के साथ अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से प्रदेश के विंटर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.