देहरादून – मौजूदा भारत-चीन विवाद की वजह से उत्तराखंड से लगने वाली भारतीय सीमा के आसपास के गाँवों गाँवों में भी तनाव व्याप्त है, जिसकी वजह से इन इलाकों में जनसंख्या गिरती जा रही जिसकी वजह से उत्तराखंड की सरकार ने चिंता जाहिर की है. पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई जिसमे माइग्रेशन कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी, रिपोर्ट में बताया गया कि बॉर्डर से 5 किमी के दायरे में स्थित 16 ऐसे गांव हैं जिनमें अब कोई भी परिवार नहीं बचा है.
पिछले दिनों यह बात उत्तराखंड सरकार के सामने भारत तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के अधिकारियों ने भी रखी थी. आईटीबीपी ने बताया कि इन बॉर्डर इलाकों में रिवर्स माइग्रेशन, सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी का न होना और बिजली सप्लाई की दिक्कतों की वजह से भी समस्या बढ़ी है जिसका जिक्र सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से किया गया, जिन्होंने अब इन इलाकों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान भी स्वीकृत किया था.
वर्तमान हालातों को देखते हुए प्रशासन ने इस क्षेत्र और तिब्बत की सीमा पर बेस लोगों से बातचीत शुरू की है, सीमा पर बसे माणा और बरहोटी गांव के लोगों से से बातचीत की गयी है, अधिकारियों का कहना है कि इन क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियां और विकास न होने की वजह से हालात गंभीर हैं, चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया का कहना है कि वह 9 गांव के निवासियों से बात कर रही हैं, उनका कहना है कि अत्यधिक ऊंचाई के हिस्से और भौगोलिक समस्याओं के कारण इन इलाकों में बसों से यातायात का परिचालन नहीं हो पाता, लेकिन सरकार इन ग्रामीणों के यातायात की सुविधा के लिए छोटे वाहनों की व्यवस्था कर रही है.
बरहोटी गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें सीमा पर बसे क्षेत्रों में चीनी सीमा के दखल से भी समस्या होती है, बरहोटी के कुछ इलाकों में कभी कभी चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के जवानों से भी उलझाव हो जाता है, चीन के ये जवान उनके कैंप और राशन को भी नष्ट कर देते हैं. लेकिन ITBP जवान चाहते हैं कि गांवों के लोगों की उपस्थिति भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बहुत आवश्यक है.
इस इलाके के ग्रामीणों के अनुसार इन क्षेत्रों में खेती के अलावा कोई दूसरा रोजगार का साधन नहीं है, इस वजह से गांव से पलायन हो रहा है, दूसरा बड़ा कारण गांव में बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी का ना होना है जो आज लोगों की आवश्यकता है, जिसके कारण लोगों का पलायन हो रहा है, सरकार अब इन सामयिक हालातों को देखते हुए चीफ मिनिस्टर बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट फंड के द्वारा यहां के लोगों के लिए रोजगार और मूलभूत सुविधा देने जा रही है, जिससे इन क्षेत्रों के लोग यहां अपनी सामान्य जिंदगी गुजार सकें.
समाचार साभार – नवभारत टाइम्स