नई दिल्ली – कोविड-19 वैक्सीन की अंतिम दौड़ पूरे विश्व में शुरू हो चुकी है, विश्व की अनेक फार्मा और रिसर्च कंपनियां अपने अब तक की रिसर्च और ट्रायल का डेटा विश्व के सामने रख रही हैं, अब तक फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका के फेज 3 ट्रायल्स का डेटा सामने आ गया है, भारत की भारत बायोटेक अपने तृतीय चरण में है, पर भारत को ऑक्सफर्ड की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ से बहुत उम्मीदें हैं और इसकी वजहें भी हैं इसको भारत की ही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में ही बनाया जा रहा है जो एस्ट्राजेनेका के लिए पूरे विश्व के लिए निर्माण कर रही है, SII कोविशील्ड की 100 करोड़ डोज तैयार कर रहा है.
भारत सरकार सीरम इंस्टिट्यूट के संपर्क में है और वैक्सीन खरीदने को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है, सूत्रों के मुताबिक, यह वैक्सीन की कीमत 250 से लेकर 600 रुपये के बीच रहने का अनुमान है, भारत सरकार को इसके लिए आधी कीमत ही चुकानी पड़ेगी, ‘कोविशील्ड’ न सिर्फ ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित रिसर्च संस्था ने बनाई है, जैसा कि कहा जा रहा है यह 90% तक असरदार भी है, फाइजर की वैक्सीन की तरह बहुत काम टेम्प्रेचर पर स्टोर करने की जरूरत नहीं है, इसको स्टोर करने के लिए सामान्य फ्रिज के तापमान पर रखा जा सकता है और इसकी कीमत भी बाकी वैक्सीन से कम हैं, ऐसे में हर तरह से यह वैक्सीन भारत के लिए सबसे उपयुक्त लग रही है.