उत्तराखंड में अब बीमार-लापरवाह कर्मचारी किये जाएंगे जबरन रिटायर, उत्तराखंड सरकार का फैसला:
देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने एक बड़े फैसले में बीमार, लापरवाह और निकम्मे सरकारी कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट थमाने का निर्णय लिया है, इसकी शुरुआत उत्तराखंड के सचिवालय से की जायेगी जहां लापरवाह और लगातार बीमार रहने वाले अधिकारियों की जल्दी ही छंटनी की जाएगी, इस मामले में अपर सचिव प्रशासन ने एक कमेटी का गठन कर ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट तैयार करने के आदेश दिया है, समझा जा रहा है इस अनिवार्य सेवा सेवानिवृत्ति कार्यक्रम के तहत सचिवालय में तैनात कई अधिकारियों की छटनी का नंबर आ सकता है.
अपर सचिव प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, प्रभारी सचिव और अपर सचिवों को जारी किए गए पत्र में बताया गया कि मुख्य सचिव की ओर से 5 मई 2020 को आदेश जारी किए गए थे, जिनमें 50 वर्ष से अधिक उम्र के किसी भी सरकारी कर्मचारी को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा 3 महीने का नोटिस या 3 महीने का वेतन देकर बिना कोई कारण बताए जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है.
इस संबंध में स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया गया था, इसमें ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों का चिन्हित करना और ब्यौरा देना है जो लंबे समय से बीमार, आदेशों की अवहेलना, लापरवाही, अनुशासनहीनता, सरकारी कार्यों में विघ्न पैदा करना और जिनकी सरकार और प्रशासन के प्रति सत्य निष्ठा संदिग्ध हो. इसके अलावा किसी जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों की भी गोपनीय रिपोर्ट सचिवालय प्रशासन ने जुटानी शुरू कर दी है, अब जल्द से जल्द रिपोर्ट के आधार पर ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी.
समाचार साभार – नवभारत टाइम्स