नई दिल्ली – देश में लगातार को-ऑपरेटिव बैंक के घोटालों से देश के अर्थशास्त्रियों और सरकार दोनों को को चिंतित कर दिया था, अब कैबिनेट बैठक में को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर बड़ा फैसला ले लिया गया है, देश में इस वक्त 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स हैं, फैसले के तहत इन सबको अब रिजर्व बैंक के अंदर लाया गया है, RBI के अंतर्गत लाये जाने के बाद जिस तरह शेड्यूल कर्मशल बैंकों पर रिजर्व बैंक का आदेश और निर्देश लागू होता है, वो सब अब को-ऑपरेटिव बैंक्स पर भी लागू होंगे, इस फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी है.
जावडेकर ने कहा कि भारत में को-ऑपरेटिव बैंक की एक बड़ी संख्या है जो लगभग 1540 हैं, इन को-ऑपरेटिव बैंकों के पास लगभग 8.6 करोड़ ग्राहक हैं और जिनकी कुल जमा पूंजी लगभग 4.84 लाख करोड़ है, रिजर्व बैंक के अंतर्गत आने के बाद जमाकर्ताओं का इन पर विश्वास बढ़ेगा, और इनके बिज़नेस में भी बढ़ोत्तरी होगी.